बांके बिहारी के दरबार में राखी भेजने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। मान्यता है कि जिन बहनों के कोई भाई नहीं होता है, वो ठाकुर जी को अपना भाई मानकर उनके नाम से अपनी राखी पोस्ट कर देती हैं और पूरे साल अपनी सुरक्षा, सुख और सौभाग्य को लेकर उनसे वचन लेती हैं।
News jungal desk: वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। मंदिर प्रबंधन एवं सेवायत गोस्वामियों ने देशभर से आईं हजारों राखियां, पत्र और रोली, चावल को आराध्य को समर्पित किया।
देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य श्री बांकेबिहारी महाराज के साथ रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया। भक्तों ने आस्था और विश्वास के साथ पूजन, अर्चना की और राखियां भी समर्पित कीं। गोस्वामियों ने भी प्रभु के समक्ष राखियां प्रस्तुत कर एक-दूसरे को राखियां बांधकर रक्षाबंधन की बधाई दी। बांकेबिहारी महाराज के नाम से मंदिर प्रबंधन के पास आई ढेरों राखियां, पत्र, मेवा, चॉकलेट, टॉफी, रोली, चावल सहित सभी सामग्री को प्रभु बांकेबिहारी जी को अर्पित की गईं।
मंदिर के सहायक प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि बांकेबिहारी मंदिर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। श्रद्धालु ठाकुर बांकेबिहारी को अपना सर्वस्व मानते हैं इसके साथ ही कई बहने उन्हे अपना भाई भी मानती हैं। इसलिए उन्होंने अपने भाई और जन-जन के आराध्य बांकेबिहारी को राखी और उसके साथ मेवा, रोली, चावल और पत्र भेजे। रक्षाबंधन पर सभी राखियां, पत्र और उसके साथ आई सामग्री को प्रात: ठाकुरजी को समर्पित कर दी हैं।