मेनोपॉज की वजह से महिलाओं में कई तरह की बीमारियाँ हो जाती हैं जिसके चलते उन्हें कई स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं | इसलिए आज हम आपकों कुछ टिप्स (Tips For Menopause) बतायेंगे जो मेनोपॉज के बाद महिलाओं को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकती हैं |
खाने में नमक , चीनी की मात्रा को कंट्रोल रखे | इसके अधिक सेवन से बचे | अच्छी सेहत के लिए वजन को कंट्रोल रखे | वजन के कंट्रोल से हार्ट – हड्डियाँ स्वस्थ रहती है | नींद में सुधार बहुत जरुरी है, रोज रात में आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है | स्ट्रेस की कंडीशन में स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है | इसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है | जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता जाता है। विशेषतौर पर महिलाओं की सेहत पर इसके दुष्प्रभाव और अधिक देखे जाते रहे हैं।
मेनोपॉज में होने वाली समस्याएं :
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र के बाद शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो उनमें बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते है, मेनोपॉज की उम्र में ज्यादातर महिलाएं हार्ट, आर्थराइटिस सहित कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाती है |
हर साल 8 मार्च को महिला अधिकारों , समानता और महिलाओं के खिलाफ हिंसा – दुर्व्यहवार जैसे मुद्दों पर ध्यान देने और महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है | आइये जानते है उम्र के साथ महिलायों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याए और इनसे बचाव के उपायों के बारे में |
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, उम्र बढ़ने के साथ आपकी पोषण संबंधी जरूरतें बदल जाती हैं। उदाहरण के लिए मेनोपॉज से पहले, आपको प्रतिदिन लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि बाद में इसकी मात्रा बढ़कर 1,200 मिलीग्राम से अधिक हो जाती है।
हालांकि दुर्भाग्यवश अधिकतर महिलाओं को आहार से शरीर के लिए जरूरी ये पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। इसके सिवायें मेनोपॉज वह समय है जब आपका मासिक धर्म चक्र बंद हो जाता है, भारत में 45-50 की आयु की स्थिति कई प्रकार के आवश्यक हारमोंस में असंतुलन का भी कारण बनती है जिससे आपमें कई प्रकार की बीमारियों का खतरा हो सकता है।
बढ़ जाती है हार्ट की समस्या
महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि स्तन कैंसर उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद उनके सामने सबसे बड़ा खतरा वास्तव में हृदय रोग है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग एक तिहाई महिलाओं में उम्र के साथ हृदय रोग विकसित हो जाता है |
मेनोपॉज के लगभग 10 साल के भीतर महिलाओं में दिल के दौरे की दर बढ़ने लगती है। इसका प्रमुख कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है जो रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाए रखने में मदद करती है। जब एस्ट्रोजन कम होता है, तो रक्तचाप में वृद्धि और धमनियों की दीवारों को मोटा कर सकता है। ये स्थिति हार्ट के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है।
ऑस्टियोपोरोसिस की हो सकती हैं शिकार
जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन रिसर्च में साल 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने की आशंका पुरुषों की तुलना में 4 गुना अधिक होती है | यह ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं और इनके आसानी से टूटने का खतरा रहता है। अध्ययन के अनुसार , मेनोपॉज से पहले, एस्ट्रोजन महिलाओं की हड्डियों को संरक्षित करता है , हालांकि इस हार्मोन में कमी होने के कारण हड्डियों में समस्या बढ़ने लगती है।
डॉक्टर्स के टिप्स मेनोपॉज के बाद कैसे रखें सेहत का ध्यान (Doctor Tips For Menopause In Hindi)
धूम्रपान करने से बचे , धूम्रपान हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। रोज सुबह व्यायाम जरूरी है। सप्ताह में कम से कम 4 दिन मध्यम व्यायाम, रोजाना आधा घंटा पैदल चलने की आदत बनाएं। आहार में नमक और चीनी की मात्रा को कंट्रोल रखें, हो सके तो इनके अधिक सेवन से बचें।
वजन को कंट्रोल रखना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है, इससे हार्ट-हड्डियों को स्वस्थ रखने में लाभ मिल सकता है। नींद में सुधार करना जरुरी है ,रोजाना रात में आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। तनाव की स्थिति में संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है, इससे शारीरिक-मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर असर होता है | यें हैं कुछ टिप्स (Tips For Menopause) जो आपको स्वस्थ रहने में सहायता करेंगे |
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