अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों (Ultra Processed Food) में कैलोरी अधिक मात्रा में होती है जिससे वजन बढ़ने और स्वास्थ्य जटिलतायें बढ़ने का भी खतरा होता है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ (Ultra Processed Food) से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को जानने से पहले आईये जानते है कि आखिर ये खाद्य पदार्थ कौन से हैं?
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन क्या है ??
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में चीनी, वसा और नमक अधिक मात्रा में होती है। ये मुख्य रूप से ‘रेडी टू यूज’ स्टाइल के होते हैं। आइसक्रीम, बिस्कुट, कार्बोनेटेड पेय, इंस्टैंट सूप आदि इसी श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि इन चीजों के अधिक सेवन से शरीर में कैलोरी और वसा की मात्रा बढ़ने का खतरा होता है। इनके अधिक सेवन से शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर का स्तर भी अधिक हो सकता है |
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन से होने वाले रोग
हृदय रोगों का बढ़ जाता है खतरा: अध्ययन की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि जिन लोगों ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों का सेवन अधिक किया था उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एवं इसके कारण मौत का खतरा 50 फीसदी अधिक पाया गया है | इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को चिंता तथा डर (Anxiety) जैसी मानसिक बीमारियों का जोखिम 48-53 फीसदी तथा टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को 12 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए देखा गया है।
ऑस्ट्रेलिया में डीकिन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने करीब 10 मिलियन (एक करोड़) लोगों पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का विश्लेषण किया। इन खाद्य पदार्थों में नींद संबंधी विकारों, मानसिक स्वास्थ्य विकारों और क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारक पाया गया है।
द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि वह लोग जो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत अधिक करते हैं उनमें मानसिक स्वास्थ्य विकार, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा सहित करीब 32 प्रकार की गंभीर बीमारियों का जोखिम हो सकता है |
क्या कहते हैं शोधकर्ता ?
शोधकर्ताओं ने कहा, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों की वजह सें अस्थमा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों और कैंसर के खतरे को लेकर साक्ष्य सीमित हैं, पर इसे अनदेखा भी नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों ने कहा अगर इसका अक्सर सेवन करते हैं तो समय से पहले मौत का खतरा भी हो सकता है। चूंकि इन चीजों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स की मात्रा कम होती है इसलिए इनका सेवन शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
स्वस्थ और पौष्टिक चीजों की बढ़ाएं मात्रा
स्वास्थ्य एक्सपर्ट कहते हैं, शरीर को रोग मुक्त करने के लिए आपका स्वस्थ और पौष्टिक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करना अत्यंत आवश्यक हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि बीमारियों से बचाव के लिए भोजन में एक तिहाई मात्रा फलों एवं सब्जियों की होनी चाहिए। आहार में भिन्न भिन्न सब्जियों-फलों की मात्रा बढ़ाकर एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन और विटामिन्स प्राप्त किए जा सकते हैं जिससे आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा अगर इसका अक्सर सेवन करते हैं तो समय से पहले मौत का खतरा भी हो सकता है। चूंकि इन चीजों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स की मात्रा कम होती है इसलिए इनका सेवन शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
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