दिल्ली के एलजी और गृह मंत्रालय ने अपनी कुछ टिप्पणियां देते हुए बजट को रोक लिया गया था, जिसके चलते आज बजट पेश नहीं हो सका था।
कानूनी तौर पर दिल्ली सरकार राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद पेश करती है बजट
News jungal desk : कानूनन दिल्ली सरकार विधानसभा में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही वार्षिक बजट पेश होता है। उपराज्यपाल के माध्यम से इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेजा जाता है। इस साल दिल्ली सरकार को विधानसभा में 21 मार्च का बजट पेश करना था। इसकी फाइल महीने की शुरुआत में उपराज्यपाल को भेजी थी।
उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि उपराज्यपाल ने वित्तीय विवरण को मंजूरी दी और कुछ टिप्पणियों के साथ फाइल 9 मार्च को मुख्यमंत्री को भेजी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी। यह कानूनन अनिवार्य है। गृह मंत्रालय ने भी 17 मार्च दिल्ली सरकार को अपनी टिप्पणी से अवगत करवाया। राजनिवास का कहना है कि मुख्यमंत्री की तरफ से फाइल भेजे जाने का उसको इंतजार है। उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि दिल्ली सरकर से रात 9.25 पर फाइल मिली और एलजी ने मंजूरी देते हुए कानूनन आगे की कार्रवाई के लिए 10.05 पर मुख्यमंत्री को भेज दिया।
इसके बाद सरकार की ओर से राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए गृहमंत्रालय को फाइल भेजी गई। जिस पर आज (21 मार्च) मंत्रालय ने मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही अब यह फाइल राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजी जाएगी और दिल्ली सरकार के पास वापस आने के बाद बजट सदन में पेश किया जाएगा।
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