लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, अब मोदी सरकार तीसरी बार शपथ लेने को भी लगभग तैयार है | हालाँकि, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है | ऐसे में बीजेपी को लगातार यह बात परेशान कर रही है कि आखिर उत्तर प्रदेश (UP Chunav Result) उनके हाथ से कैसे फिसल गया?
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 49 में से 27 सांसदों को यहाँ हार का (UP Chunav Result) सामना करना पड़ा | माना जा रहा है कि यूपी में इस बार यह झटका सत्ता विरोधी लहर के कारण लगा है | भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में उत्तर प्रदेश में 54 उम्मीदवार उतारे थे | जिनमें से 31 उम्मीदवार को हार का मुँह देखना पड़ा था |
चुनाव आयोग के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव में 49 मौजूदा सांसद उम्मीदवार थे | इनमें अंबेडकरनगर से प्रत्याशी रितेश पांडे भी शामिल थे, जो बसपा से भाजपा में आए थे। इनमें से 33 सांसद तीसरी बार या उससे अधिक बार चुनाव मैदान में उतरे थे।
इन उम्मीदवारों में से लोकसभा चुनाव में 20 उम्मीदवारों को अपनी सीट (UP Chunav Result) गंवानी पड़ी | हारने वालों की सूची में स्मृति ईरानी (अमेठी), अजय मिश्रा टेनी (खीरी), कौशल किशोर (मोहनलालगंज), महेंद्र नाथ पांडे (चंदौली), साध्वी निरंजना ज्योति (फतेहपुर), भानु प्रताप सिंह वर्मा (जालौन) और संजीव बालियान (मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।
क्या एंटी एनकंबेंसी बनी हार की वजह?
उत्तर प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर का असर इस बार ऐसा चला कि आठ बार की सांसद मेनका गांधी भी सुल्तानपुर से चुनाव हार गईं | इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह (एटा) जैसे कद्दावर सांसद को भी हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी की सबसे बड़ी हार फैजाबाद की अयोध्या सीट पर हुई, जहाँ लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी ने हरा दिया |
अखिलेश यादव ने भी बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक को चुनाव में पटकनी दे दी | इन नतीजों से साफ पता चलता है कि स्थानीय स्तर पर लोग उनके काम से खुश नहीं थे | बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी | इसके बावजूद बीजेपी नेतृत्व ने ऐसे उम्मीदवारों पर गलत भरोसा दिखाया और जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ा |
चौदह सांसदों को मिली जीत की हैट्रिक
चुनाव आयोग के आँकड़ो के अनुसार, यह देखा जा सकता है कि तीसरी बार या उससे अधिक बार चुनाव लड़ने वाले केवल 14 भाजपा सांसद ही विजयी हुए हैं। इनमें पीएम मोदी (वाराणसी), महेश शर्मा (गौतम बौद्ध नगर), भोला सिंह (बुलंदशहर), राजनाथ सिंह (लखनऊ) और हेमा मालिनी (मथुरा) शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 21 उम्मीदवार ऐसे थे जो पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, जिनमें से 10 उम्मीदवार विजयी हुए हैं | पहली बार जीतने वाले प्रमुख भाजपा उम्मीदवारों में जितिन प्रसाद (पीलीभीत), छत्रपाल सिंह गंगवार (बरेली), अतुल गर्ग ( गाजियाबाद), आनंद गोंड (बलरामपुर) और करण भूषण सिंह (कैसरगंज) शामिल हैं।
कहाँ हुई भाजपा से चूक?
दरअसल, जब भाजपा के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट बाहर आई तो 51 उम्मीदवारों में से 46 को दोबारा मौका मिला | बीजेपी के इस फैसले ने कई लोगों को हक्का बक्का कर दिया था | पहली सूची में कई कैंडिडेट को स्थानीय स्तर पर भारी नाराजगी का सामना करना पड़ा | हालाँकि, बीजेपी को भरोसा था कि मोदी – योगी फैक्टर उन्हें जीत दिलाने में मदद करेगा |
लेकिन जनता ने इस बार मोदी – योगी की बजाय उम्मीदवार को तरजीह दी और उसी के अनुरूप वोट डाला | इसी कारण 19 उम्मीदवारों समेत 16 मौजूदा सांसदों ने जोकि दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, उनमें से सात मौजूदा सांसद और दस उम्मीदवार अपनी सीट हार गए |
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