उत्तर प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने जा रही है. सरकार अगले तीन महीने लोगों को बिजली बिल में राहत देगी. बिजली कंपनियां चालू वित्तीय वर्ष 2023-2024 की पहली तिमाही में उपभोक्ताओं को ये छूट देगी. बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में बिजली की दरों में कमी करने का प्रस्ताव भेजा है ।
News jungal desk :- उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुश खबरी है । उन्हें आने वाले तीन महीनों में बिजली का ज्यादा बिल नहीं देना पड़ेगा । उन्हें अगले तीन महीने बिजली बिल में छूट मिलेगी. दरअसल, सरकार बिजली बिल में ईंधन अधिभार यानी फ्यूल सरचार्ज में छूट देने जा रही है । इसके तहत बिजली उपभोक्ताओं को औसत 35 पैसे प्रति यूनिट की दर से छूट देने जा रही है । बिजली कंपनियां चालू वित्तीय वर्ष 2023-2024 की पहली तिमाही में उपभोक्ताओं को ये छूट देगी । बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में बिजली की दरों में कमी करने का प्रस्ताव भेजा है । कंपनियों की तरफ से ये प्रस्ताव पावर कॉर्पोरेशन ने पेश किया है ।
इसके बाद अब संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को नवंबर से जनवरी के बिल में यह छूट दी जा सकती है । जानकारी के मुताबिक, विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने 25 अक्टूबर को विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार से चर्चा की है । उन्होंने अरविंद कुमार से मांग की कि कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को जल्द लागू किया जाए । ताकि उपभोक्ताओं को फायदा मिल सके । और बताया जाता है कि कंपनियों ने पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक 30108 मिलियन यूनिट बिजली खरीद का प्रस्ताव दिया था । वह प्रस्ताव पास कर दिया गया था. इस तिमाही में कंपनियों ने 29838 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी है ।
इतनी दर से प्रति यूनिट का मिल सकता है फायदा
चूंकि, बिजली कम खरीदी गई है, इस वजह से 1055 करोड़ रुपये का निवेश बच गया है. इसी रकम से विद्युत दरों को तीन महीने तक कम किया जाएगा. दरों के कम होने का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा. चूंकि, बिजली कंपनियों ने श्रेणीवार बिजली दरें करने की योजना बनाई है. इस वजह से उपभोक्ताओं को 18 से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट तक की दर का फायदा मिलेगा. बता दें, पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की चारों तिमाही में भी पावर कॉर्पोरेशन ने फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया था. लेकिन, आयोग ने इसे खारिज कर दिया था. अगर नियामक ने इसे पास कर दिया होता तो, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में उपभोक्ताओं को बिजली का बढ़ा हुआ बिल देना होता है ।
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