रेल विकास निगम लिमिटेड रूसी कंपनी टीएमएच के साथ मिलकर 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें बनाएगा. सुविधाओं और सुरक्षा के लिहाज से ये ट्रेनें शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों बेहतर होंगी ।
News Jungal Desk : वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें देश में खूब लोकप्रिय हो रही हैं । और फिलहाल ये ट्रेनें अभी कम दूरी वाले रूटों पर ही चलाई जा रही हैं । और अगले चार वर्षों में रेलवे कुल 400 वंदे भारत ट्रेनें देशभर में चलाना चाहता है । इनमें वंदे भारत सीटिंग ट्रेनें, वंदे भारत स्लीपर और वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें शामिल हैं । वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें लंबे रूट पर चलाई जाएंगी. रेल विकास निगम लिमिटेड (RNVL) रूस कंपनी टीएमएच के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर 120 स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनाएगा। और एक ट्रेन की करीब 120 करोड़ रुपये है. आरवीएनएल और टीएमएच के संयुक्त उद्यम ने हाल ही में रेलवे से टेंडर हासिल किया है ।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों से स्पीड और सुविधा के लिहाज से एडवांस होंगी । और स्लीपर वंदे भारत ट्रेन में जो सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी । वो राजधानी और शताब्दी में नहीं होंगी । यह ट्रेन पूरी तरह शॉक प्रूफ होगी. यानी इसमें आपको न झटके लगेंगे और न ही कोच में कंपन होगा । और रेल यात्री की सुरक्षा के भी ज्यादा इंतजाम स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में होंगे ।
शुरू में होंगे 16 कोच
आरवीएनएल में काइनेट स्पेशल परपज व्हिकल के डायरेक्टर और जनरल मैनेजर (मैकेनिकल), आलोक कुमार मिश्रा का कहना है कि रूसी कंपनी के साथ मिलकर आरवीएनएल महाराष्ट्र के लातूर स्थित रेल कोच फैक्टरी में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बनाएगा. मिश्रा का कहना है कि शुरुआत में स्लीपर वंदे भारत में कुल 16 कोच होंगे. 11 एसी-3 कोच, 4 एसी-2 कोच और 1 एसी फर्स्ट क्लास कोच होगा. आगे संख्या को 24 तक बढ़ाया जा सकता है ।
कुछ सेकेंड में पकड़ लेगी 100 की स्पीड
मिश्रा का कहना है कि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ेगी. ये ट्रेनें 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ने में 60 सेकेंड से भी कम समय लेंगी. राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस की गति भी 160 किलोमीटर प्रति घंटा है, परंतु इन्हें गति पकड़ने में ज्यादा समय लगता है ।
न होगी वाइब्रेट, न लगेंगे झटके
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में कंपनी बिल्कुल भी नहीं होगी । और यही नहीं इसमें यात्रियों को झटके भी नहीं लगेंगे. मतलब, आप 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ती स्लीपर वंदे भारत में चैन से सो सकेंगे । आलोक मिश्रा का कहना है कि कंपन न होने और शॉक न लगने की वजह से रेलवे ट्रैक को भी कम नुकसान होगा और कोच को भी. इससे मेंटेनेस कॉस्ट घटेगी ।
होंगी खास सुविधाएं
वंदे भारत एक्सप्रेस कई खूबियों से लैस है । स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में लंबी दूरी को देखते हुए सुविधाओं में और इजाफा किया जाएगा । वंदे भारत एक्सप्रेस में सभी कोच वातानुकूलित (AC) हैं. इसके दरवाजे ऑटोमेटिक हैं । ट्रेन जीपीएस, फायर सेंसर और वाई फाई से लैस है । हर सीट पर यात्रियों को चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा मिल रही है और कोच में 32 इंच का टीवी लगा हुआ है. ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट सिस्टम लगाया गया है. सामान रखने के लिए इस ट्रेन के हर कोच में मॉड्यूलर रैक दी गई हैं. आलोक मिश्रा का कहना है कि स्लीपर वंदे भारत में और सुविधाएं जोड़ी जाएंगी. लेकिन, उन्होंने उन सुविधाओं का खुलासा नहीं किया ।