घर का वास्तु दोष बिना तोड़फोड़ के कैसे दूर करें: आसान टिप्स

जब कोई व्यक्ति अपने सपनों का घर बनाता है, तो उसमें अपना सर्वस्व लगा देता है। लेकिन जाने-अनजाने में लिए गए कई फैसले घर में वास्तु दोष का कारण बन सकते हैं। इन दोषों के कारण घर में सकारात्मक ऊर्जा की जगह नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है, जिससे नुकसान भी हो सकता है। आइए जानते हैं बिना धन खर्च किए और बिना घर में किसी तोड़फोड़ के कैसे अपने घर का वास्तु सुधार सकते हैं।

घर का वास्तु दोष

1. कलश का महत्व

घर का वास्तु दोष

यदि घर में कोई वास्तु दोष है, तो कलश को घर के उत्तर-पूर्व कोने में रखना अधिक फायदेमंद होता है। ध्यान रखें कि कलश कहीं से भी टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार, कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है, जो बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। घर में कलश स्थापित करने से सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होंगे।

2. स्वस्तिक का निर्माण

घर का वास्तु दोष

घर के मुख्य द्वार पर सिन्दूर से नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा स्वस्तिक बनाएं। इससे हर तरफ से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। हर मंगलवार को यह उपाय करने से मंगल ग्रह से जुड़े नकारात्मक प्रभाव भी समाप्त हो जाएंगे।

3. रसोई की स्थिति

घर का वास्तु दोष

घर की खुशहाली और समृद्धि के लिए रसोई विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। वास्तु के अनुसार, रसोई के लिए आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) सबसे उपयुक्त स्थान है। यदि आपकी रसोई गलत स्थान पर है, तो अग्निकोण में एक बल्ब लगाएं और रोज़ उसे जलाएं। इससे आपके घर का वास्तु दोष दूर होगा।

4. घोड़े की नाल का उपयोग

घर का वास्तु दोष

घर में घोड़े की नाल टांगना शुभ माना जाता है। मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल लगाने से सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। घोड़े की नाल अंग्रेजी अक्षर “यू” के आकार की होती है। यह ध्यान रखें कि घोड़े की नाल अपने आप गिरी हो या आपके सामने घोड़े के खुर से निकली हो।

5. ईशान कोण का ध्यान

घर का वास्तु दोष

घर के ईशान कोण में कभी भी कूड़ा जमा न होने दें और वहां भारी उपकरण न रखें, क्योंकि इससे वास्तु दोष बढ़ सकते हैं। अपने वंश को बढ़ाने के लिए आपको मुख्य द्वार के दोनों ओर अशोक के पेड़ भी लगाने चाहिए। इससे आपके घर का वास्तु दोष दूर होगा और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करेगी।

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6. शौचालय की स्थिति

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ऐसा माना जाता है कि घर में शौचालय बनाने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त होती है। यदि आपको घर के पूर्व में शौचालय बनाना है और कोई विकल्प नहीं है, तो शौचालय की सीट को इस तरह लगाएं कि उसका मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर हो। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा की जगह सकारात्मक ऊर्जा आएगी और सभी कार्य सुचारू रूप से होंगे।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने घर का वास्तु दोष बिना किसी तोड़फोड़ के सुधार सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए न्यूज़ जंगल उत्तरदायी नहीं है। 

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