विजयकिशोर मानव: हिन्दी साहित्य और गीतों के अद्वितीय साधक

नई दिल्ली। हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित गीतकार श्री विजयकिशोर मानव को हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष 2023-2024 के लिए हिन्दी साहित्य में विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया जाएगा। अखबारों, रेडियो, टेलीविजन और कवि सम्मेलनों में अपने जमीन से जुड़े गीतों से पाठकों और श्रोताओं को आंदोलित करने वाले विजयकिशोर मानव का यह एक और बड़ा सम्मान है।

इससे पूर्व, वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ ने उन्हें दीर्घकालीन साहित्यिक योगदान के लिए “साहित्य भूषण” सम्मान प्रदान किया था। उन्हें मैसूर हिंदी साहित्य सम्मेलन सम्मान और 1986-87 में “गाती आग” गीत संग्रह के लिए हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा कृति सम्मान भी मिल चुका है। “राजा को सब क्षमा है” कविता संग्रह के लिए उन्हें परंपरा संस्था द्वारा ऋतुराज सम्मान से नवाजा गया था।

विजयकिशोर मानव, दुष्यंत कुमार के बाद हिंदी गज़ल के सबसे बड़े नामों में गिने जाते हैं। पिछले चालीस वर्षों से वह साहित्यकार और पत्रकार के रूप में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सक्रिय हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स समूह के “हिन्दुस्तान” दैनिक में साहित्य और “कादंबिनी” के कार्यकारी संपादक के रूप में उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई। उनके साहित्यिक सफर की जड़ें कानपुर की माटी में हैं, जहां रामकृष्ण नगर में उनका जन्म और शिक्षा हुई।

उनके गीत, कविताएं और कहानियां “धर्मयुग,” साप्ताहिक हिन्दुस्तान,” “रविवार,” “सारिका” और “माधुरी” जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। 1972 से उन्होंने रेडियो पर अपनी ओजस्वी आवाज़ में गीत प्रस्तुत करना शुरू किया।

साहित्य के साथ-साथ उनकी वैदिक वांग्मय और ज्योतिष में भी गहरी रुचि है। आज वे ज्योतिष के प्रकांड पंडितों में गिने जाते हैं, और लोग उन्हें मानदेय देकर ज्योतिष परामर्श लेते हैं। उनके गीतों का रसास्वादन कराने के लिए कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई गई हैं।

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