वीएसएसडी कॉलेज के एमएड तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने हार्टफुलनेस शिथिलीकरण प्रक्रिया के साथ ध्यान कर शांति महसूस की |
कानपुर जोन 14 वीएसएसडी कॉलेज के एमएड तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए दयानंद विहार (कल्याणपुर) स्थित श्रीराम चन्द्र मिशन, हार्टफुलनेस संस्था में स्पोर्ट्स, योगा और ध्यान के माध्यम से व्यावसायिक विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया |
डॉ. अर्चिता खेतान ने बताया कि विकास के लिए मन और शरीर का शांत रहना जरूरी है | हार्टफुलनेस शिथिलीकरण की प्रक्रिया तनावमुक्त कर किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से करने के लिए तैयार करती है | कोरोना के बाद तेजी से जीवनशैली में आए बदलाव के कारण लोगों में स्ट्रेस एक बड़ी समस्या के रूप में उभरकर आया है | जीवन में योग, ध्यान और खेल को शामिल करके हम कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं |
प्रशिक्षक वीएस राव ने छात्रों के प्रश्नों के जवाब देते हुए बताया कि हार्टफुलनेस ध्यान एक प्रयासरहित क्रिया है | यह एकाग्रता नहीं है | हम ह्रदय में दिव्य प्रकाश के स्रोत की उपस्थिति का विचार लेकर ध्यान में बैठते है | इस दौरान आने वाले विचारों को रोकने का प्रयास नहीं करते हैं | खुद ब खुद धीरे धीरे निर्विचार और शांति की अवस्था प्राप्त होने लगती है | शालिनी पांडेय ने तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान दिया |
कार्यक्रम समन्वयक प्रशिक्षक डॉ. सुशील यादव ने कुर्सी पर बैठकर किए जाने वाले योगा और बाद में शिथिलीकरण प्रक्रिया के साथ ध्यान का अनुभव कराया | एमएड विभाग के प्रभारी डॉ. गतिन्द्र तिवारी, डॉ. आरबी सिंह, डॉ. मनू मिश्रा, डॉ. सुनीता सिंह, प्रीती मिश्रा, रंजीता सिंह, दीपक कुमार, राहुल वाजपेई और अतुल पाल समेत 25 छात्र छात्राएं उपस्थित रही |