मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा, सेना मौके पर तैनात

मणिपुर के कई जिलों में 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। हालात पर काबू पाने के लिए भारतीय सेना को बुलाया गया है। हिंसा प्रभावित इलाकों में आर्मी जवानों को तैनात किया गया है। एहतियात के तौर पर अगले कुछ दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

News Jungal Desk:  मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान कई जिलों में हिंसा भड़कने से कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। कई इलाकों में सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया है।

भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि कर दी है। सेना की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि मणिपुर में प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए 3 मई की शाम से सभी प्रभावित इलाकों में सेना और असम राइफल्स की तैनाती कर दी गई है। सेना द्वारा हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कानून-व्यवस्था बहाल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

8 जिलों में कर्फ्यू लगा

राज्य सरकार ने बताया कि कई जिलों में पहले से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही अगले 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लग चुका है। आदेश में बताया गया कि राज्य में फिलहाल ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं।

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को एक रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने इस रैली को आयोजित किया था। रैली के दौरान हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों में तोड़फोड़ की है।

पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क गई, जिसके बाद कई और जिलों में भी हिंसा की खबरें आई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए।

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