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Sikkim: रातों रात तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा, पुलिस की सीटी से खुली नींद, पीड़ितों ने बताई अपनी आपबीती…

पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम से एक बड़े बादल फटने से भारी तबाही की खबर सामने आ रही है। उफनती तीस्ता नदी के कारण प्रमुख सड़कें और पुल बह गए हैं। इस बीच बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग-10 समेत प्रमुख सड़कें बह गईं हैं।

News jungal desk: रात करीब एक बजे अचानक पुलिस की सिटी की आवाज सुनकर नींद खुली। कुछ समझ नहीं आ रहा था। पुलिस कह रही थी, तीस्ता नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। तुरंत घर खाली करो और उपर की ओर चलो। यह कहते हुए पुलिस लोगों को जगा रही थी। किसी तरह से बहू और बच्चों को साथ लिया। रात के अंधेरे में सब कुछ छोड़ कर किसी तरह गिरते पड़ते यहां पहुंचे हैं। यह कहते हुए रोने लगती हैं बुजुर्ग मीरा। 

उन्होंने बताया कि सब कुछ छूट गया। पता नहीं अचानक क्या हो गया। कुछ समझ ही नहीं आया। जब तक समझ पाते नदी उफान पर थी। केवल इन कपड़ों के साथ ही घर से निकल पाए, यह सब कहते हुए मीरा की अश्रुधारा बह निकलती हैं। मीरा कहती हैं कि पता नहीं क्या होगा। कुछ भी ला नहीं पाए। हमारा घर बिल्कुल नदी के किनारे पर ही है। बस, भगवान का शुक्र है कि मैं अपने नातियों को लेकर यहां तक आ गई।

जिसके बाद रोते हुए उन्होंने कहा कि अब कहां जाएंगे, क्या खाएंगे कुछ नहीं मालूम। अभी तक पता नहीं चल पाया है कि इतना पानी नदी में कैसे आया। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। हर कोई अपनों को खोज रहा है। कुछ समझ नहीं आ रहा है। लगातार बारिश हो रही है। ये कब रुकेगी, कुछ नहीं पता। हम पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।

जिसके बाद एक अन्य पीड़ित ने बताया कि मैं सो रहा था, अचानक घर के अंदर पानी आने पर नींद खुली। पहले तो कुछ समझ में ही नहीं आया। लेकिन जब तक होश आया, काफी देर हो चुकी थी। यह कहते हुए राजन रोने लगे। राजन का घर भी नदी के बिल्कुल किनारे पर ही है। पानी घर के अंदर आ चुका था। किसी तरह से परिवार के लोगों को उठाया और ऊपर की तरफ दौड़ पड़े। 

राजन ने रोते हुए बताया हम कुछ भी उठा नहीं पाए। पहने हुए कपड़े भी भीग गए हैं। यहां पर लगातार बारिश हो रही है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें, कहां जाएं। कब तक मदद मिल पाएगी। क्या खाएंगे, क्या पहनेंगे कुछ समझ में नही आ रहा है । हर तरफ यही मंजर है। चारो तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। जिसके बाद मुख्यमंत्री सहित हर कोई राहत और बचाव कार्य में कूद पड़े हैं। हर किसी की जुवां पर एक ही सवाल है, कब बारिश रूकेगी और कब तिस्ता का पानी घटेगा और कब राहत मिल पाएगी।

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