GST :2000 से कम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर ढीली होगी जेब !भरना होगा GST

दरअसल, 2000 रुपये से कम मूल्य के ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने के प्रस्ताव में ये तर्क दिया गया था कि पेमेंट्स एग्रीगेटर ट्रांजैक्शंस के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं और इसलिए उन्हें बैंकों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए |

एग्रीगेटर अभी व्यापारियों से प्रति ट्रांजैक्शन में 0.5% से 2% तक शुल्क वसूलते हैं | ऐसे में अगर इन छोटे पेमेंट्स पर GST लागू होता है, तो फिर इसके बाद पेमेंट्स एग्रीगेटर्स इस अतिरिक्त लागत को व्यापारियों पर डाल सकते हैं |

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से ठीक पहले रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि AAP जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान दो प्रस्तावों का विरोध करेगी |