Nagchandreshwar temple: नागपंचमी के दिन खुलता है नागचन्द्रेश्वर मंदिर, स्वयं नागराज तक्षक रहते हैं विराजमान...

भगवान शिव के इस रुप को नागचन्द्रेश्वर महादेव कहा जाता है. यहां की परंपरा के अनुसार आम दर्शनार्थी नागचन्द्रेश्वर महादेव का दिव्य दर्शन वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी पर्व के दिन ही कर पाते हैं।

लाखों की संख्या में भक्त करते है दर्शन

कहते हैं इस मंदिर में दर्शन करने से मनुष्य के सभी प्रकार के सर्प दोष हट जाते हैं इसलिए नाग पंचमी के दिन यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

मान्यता है कि उसके बाद से तक्षक राजा ने प्रभु के सान्निध्य में ही वास करना शुरू कर दिया लेकिन महाकाल वन में वास करने से पूर्व उनकी यही मंशा थी कि उनके एकांत में विघ्न ना हो अतः वर्षों से यही प्रथा है कि मात्र नागपंचमी के दिन ही वे दर्शन को उपलब्ध होते हैं।