गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र का उपयोग गर्भपात को रोकने के लिए किया जाता है. गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र के निर्माण के पृष्ठभूमि में अश्वत्थामा का उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु पर ब्रह्मास्त्र से मारने से रोका गया था .
News Jungal Desk :– गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र का उपयोग गर्भपात को रोकने के लिए किया जाता है. यह एक ज्योतिष उपाय माना जाता है. श्रीमध्दभागवत Shrimad Bhagwat में व्यास जी ने श्रीवासुदेव के द्वारा उत्तरा की गर्भ रक्षा के बारे में बताया है, जिसे मंत्र और सूत्र रूप में बनाकर उपयोग किया जाता हैं और गर्भवती महिला उस गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र का उपयोग करके लाभ प्राप्त कर सकती है. गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र को बच्चे के जन्म के बाद सवा माह तक पास रखते हैं और फिर उसे जल में प्रवाहित करते हैं. गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र के निर्माण के पृष्ठभूमि में अश्वत्थामा का अर्जुन की पुत्रवधू और अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु पर ब्रह्मास्त्र से किए गए हमले की घटना के बारे में बताया गया है.
उत्तरा के गर्भ पर अश्वत्थामा ने चलाया ब्रह्मास्त्र
यह बात उस समय की है, जब महाभारत के युद्ध में दुर्योधन के सभी भाई मारे जा चुके थे और वह भी मौत की अंतिम सांसें ले रहा था. उस समय गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा पांडवों से बदले की आग में जल रहा था. उस दौरान अर्जुन की पुत्रवधू उत्तरा गर्भवती थी. अश्वत्थामा ने पांडवों के वंश का समूल नाश करने के लिए उत्तरा के गर्भ पर अमोघ ब्रह्मास्त्र चला दिया. अश्वत्थामा को भी उस ब्रह्मास्त्र का काट पता नहीं था. लेकिन उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चें का इस रक्षा सूत्र ने रक्षा की थी ।