प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज ‘लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा. क्या आप इसके बारे में जानते हैं. क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत क्यों और कब हुई थी. तो इस खबर में जानें पूरी डिटेल्स
News Jungal Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 1 अगस्त को महाराष्ट्र के पुणे का दौरा करेंगे. जहां उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार (Lokmanya Tilak National Award) से सम्मानित किया जाएगा । आयोजकों ने इस सम्मान को लेकर पहले कहा था कि यह पुरस्कार उनके सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता देता है जिसके तहत भारत प्रगति की सीढ़ियां चढ़ रहा है । लेकिन क्या आप इस पुरस्कार के बारे में जानते हैं. क्या आप जानते हैं इसकी शुरुआत कब हुई थी । और यह पुरस्कार किन-किन लोगों को मिल चुका है और कितना यह अहम है. तो इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं पूरी डिटेल्स.
पीएम मोदी को मिलने जा रहे इस पुरस्कार की शुरुआत 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई थी. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर प्रदान किया जाता है । और मालूम हो कि लोकमान्य तिलक 20वीं सदी की शुरुआत में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे ।
क्यों मिल रहा है यह पुरस्कार
बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वशासन (स्वराज्य) के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने जनता को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ट्रस्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके असाधारण नेतृत्व और नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की मान्यता में इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है । जिसमें एक स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र शामिल है ।
ट्रस्ट में कौन
संस्था के अध्यक्ष लोकमान्य के पड़पोते (प्रपौत्र) दीपक तिलक हैं. तिलक परंपरागत रूप से कांग्रेस समर्थक रहे. लोकमान्य को वह व्यक्ति माना जाता है जो कांग्रेस को जनता तक ले गए. दीपक तिलक के पिता जयंतराव तिलक, जिन्होंने हिंदू महासभा से शुरुआत की, 1950 के दशक में कांग्रेस में चले गए और राज्यसभा सांसद और महाराष्ट्र राज्य विधान परिषद के अध्यक्ष बने थे ।
इन हस्तियों को पहले दिया जा चुका है यह सम्मान
पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को भी दिया जा चुका है । और इसके अलावा मशहूर व्यवसायी एन. आर. नारायणमूर्ति तथा ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है ।