कुछ चीज़ें हम देखते रोज़ हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह नहीं जानते. मसलन ब्लेड के बीचोंबीच बनी हुई डिज़ाइन का आखिर क्या काम है? चलिए आज आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह ।
न्यूज जंगल नेशनल ड़ेस्क :– इंसान अपने स्वभाव से ही जिज्ञासु है । और वो हर चीज़ के पीछे की वजह ज़रूर जानना चाहता है । और कई बार तो चीज़ें इतनी सिंपल होती हैं कि पूछने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती है । लेकिन कई बार कुछ ऐसा भी नज़र के सामने आ जाता है । और जिसके बारे में हमें आइडिया नहीं होता है । मसलन शर्ट के पीछे एक एक्स्ट्रा बटन क्यों होता है । और पेन की कैप में छेद क्यों होता है या फिर ब्लेड के बीच में ये डिज़ाइन सी क्यों बनी होती है? कम से कम इसमें से एक सवाल में हम आपकी मदद कर सकते हैं ।
आपने देखा होगा कि ब्लेड चाहे जिस भी कंपनी का हों, उसका डिज़ाइन एक जैसा ही होता है. ये दुनिया के किसी भी कोने में बनाए जा रहे हों, लेकिन आप इसके पीछे का खाली स्पेस एक जैसा ही देखेंगे और मसलन ब्लेड के बीचोंबीच बनी हुई डिज़ाइन का आखिर क्या काम है? ये कोई इत्तेफाक नहीं है, इसके पीछे ज़रूरी कारण है. । चलिए आज आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह ।
ब्लेड का इस्तेमाल सिर्फ शेविंग में
ब्लेड को सबसे पहले साल 1901 में किंग कैंप जिलेट ने विलियम निकर्सन की मदद से बनाया था । जिले कंपनी ने ब्लेड का पेटेंट भी ले लिया और फिर इसका 1904 से निर्माण शुरू कर दिया था । उन्होंने ही इसे डिज़ाइन किया था और उस दौर में ब्लेड का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ शेविंग के लिए होता था । और ऐसे में इसके बीच खाली जगह और डिजाइन इस तरह से बनाया गया कि ये रेज़र के बोल्ट में ढंग से फिट हो जाएगा । उस वक्त जिलेट के अलावा कोई भी प्लेयर मार्केट में नहीं था और ऐसे में ये डिज़ाइन उनका ही बनाया हुआ है ।
रेज़र की मजबूरी में नहीं बदला डिज़ाइन
ब्लेड का धंधा जब फायदे का सौदा लगने लगा तो कई और कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतर गईं थी । उस दौरान शेविंग रेज़र का निर्माण सिर्फ जिलेट ही करता था । और ऐसे में कंपनी कोई भी हो, उसे रेजर के मुताबिक ब्लेड का डिज़ाइन वही रखना पड़ा. इस वक्त रोज़ाना 10 लाख से ज्यादा ब्लेड बनाए जाते हैं । और रेज़र के भी यूज़ एंड थ्रो डिज़ाइन आने लगे हैं, लेकिन ब्लेड का डिज़ाइन तब से अब तक नहीं बदला है ।
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