News jungal desk:– हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत 1 नवंबर 2023 दिन बुधवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा माता से प्रार्थना भी करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ (Karva Chauth) के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके करवा माता की पूजा विधि-विधान से करती हैं। करवा चौथ (Karva Chauth) पर सोलह श्रृंगार करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या आपको पता है आखिरकार महिलाएं सोलह श्रृंगार क्यों करती हैं। साथ ही सोलह श्रृंगार का क्या महत्व होता है। आइए विस्तार से जानते हैं।
क्या है सोलह श्रृंगार-What is Solah Shringar?
सनातन धर्म में सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना बहुत ही अहम माना गया है, क्योंकि हिंदू धर्म में सभी देवी 16 श्रृंगार में ही नजर आती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ में देवी के लिए सोलह श्रृंगार चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि सोलह श्रृंगार चढ़ाने से माता प्रसन्न होती हैं और सुहागन रहने का आशीर्वाद भी देती है। जिस महिला की शादी हो जाती है, उसके लिए सोलह श्रृंगार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। मान्यता है कि सोलह श्रृंगार करने से पति की उम्र में वृद्धि होती है। इसके साथ ही महिलाओं की खूबसूरती भी प्रदान करती हैं। (Also provides beauty to women) इसलिए करवा चौथ व्रत (karva chauth fast) के दौरान सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके पूजा में बैठना जरूरी होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष (Astrology) पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। news jungal इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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