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कब है रमा एकादशी? जानें शुभ मुहुर्त और पूजा विधि

News jungal desk :– हिंदू धर्म में रमा एकादशी का बड़ा बहुत महत्व है. इस दिन उपवास रखकर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि रमा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि पति और पत्नी दोनों साथ मिलकर रमा एकादशी का व्रत रखते हैं. विष्णु पुराण के अनुसार रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है. आमतौर पर यह दीपावली से चार दिन पहले पड़ती है. रमा एकादशी को रम्भा एकादशी या कार्तिक कृष्ण एकादशी के नाम से भी जानते हैं . यह एकादशी इस बार 9 नवंबर को मनाई जाएगी.

पंडितो का कहना है कि सनातन धर्म में रमा एकादशी का बहुत महत्व है. यह व्रत रखकर रमा अर्थात् माता लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु का जो कोई भक्त रमा एकादशी का व्रत रखकर पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा करता है, उसके जीवन में कभी बाधाएं नही आती हैं ।

एकादशी के दिन सूर्य उदय से पहले उठकर नित्यक्रिया के बाद स्नान करना चाहिए. फिर साफ सुथरे वस्त्र धारण कर गौ माता को घास और अनाज दें . इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. साथ ही बताया कि कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी तिथि 8 नवंबर 2023 को सुबह 08 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 9 नवंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगी. जबकि पूजा 9 नवंबर को सुबह 06.39 से लेकर सुबह 08.00 तक होगी. इसके अलावा रमा एकादशी के व्रत पारण 10 नवंबर 2023 को सुबह 06.39 मिनट से सुबह 08.50 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा.

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