सालभर से ज्यादा हुआ लेकिन रूस-यूक्रेन जंग खत्म होने का कोई आसार नहीं दिख रहा. शुरुआत में लगा था कि छोटा देश होने के कारण जल्द ही यूक्रेन सरेंडर कर देगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दोनों देशों की इकनॉमी में कई गुना का अन्तर है. तब सवाल ये आता है कि आखिर यूक्रेन के पास इतने ताकतवर देश से लड़ने के लिए मदद कहां से मिल रही है ।
News Jungal National Desk : नब्बे के दशक तक रूस का हिस्सा रह चुका यूक्रेन न तो पैसों और न ही सैन्य ताकत के मामले में रूस के आगे कहीं नही ठहरता है. जब साल 2020 के आखिर में यूक्रेन की जीडीपी 155.5 बिलियन डॉलर थी. वहीं रूस की जीडीपी1.48 ट्रिलियन डॉलर थी. एक तरह से देखा जाए तो रूस की इकनॉमी यूक्रेन से 10 गुना ज्यादा मजबूत है. फिर भी यूक्रेन, रूस को टक्कर दे रहा है , यूक्रेन को किसका साथ मिल रहा है ।
किस देश की इकनॉमी कैसी?
साल 2015 से लेकर अगले पांच सालों के भीतर यूक्रेन की जीडीपी में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि इसी वक्त रूस की जीडीपी करीब 9 प्रतिशत बढ़ी हुई है . इसके बाद भी रूस की अर्थव्यवस्था यूक्रेन से कहीं मजबूत है. स्टॉक मार्केट पर काम करने वाली कंपनी नेस्डेक के मुताबिक, जीडीपी के मामले में रूस लगातार जर्मनी, फ्रांस और इटली जैसे देशों से आगे रहा है .
यूक्रेन की जीडीपी यूरोपियन देशों में सिर्फ स्लोवाकिया से ज्यादा है.बता दें कि स्लोवाकिया भी एक समय पर सोवियत संघ का हिस्सा रहा था. तो कुल मिलाकर यूक्रेन के पास फिलहाल इतनी ताकत नहीं कि वो रूस जैसे देश का मुकाबला कर सके.लेकिन मुकाबला चल रहा है और वो भी जमकर ये मुकाबला जोरों के साथ है .
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