Wholesale inflation: खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रही, जो जनवरी में 4.7 फीसदी थी।
Wholesale Inflation: खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रहा, जोकि जनवरी में 4.73 फीसदी थी। दिसंबर में थोक महंगाई दर 4.95 फीसदी दर्ज की गई थी।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों, रसायन और रासायनिक उत्पादों, विद्युत उपकरणों व मोटर वाहनों, ट्रेलरों और सेमीट्रेलर की कीमतों में बड़ी गिरावट के कारण आई है।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के ताजा आंकड़े कंपनियों के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं क्योंकि थोक मूल्य में गिरावट से कंपनियों की कुल आय पर दबाव कम हो सकता है। कम इनपुट लागत भी खुदरा कीमतों के लिए एक अच्छा संकेत हो सकती है। थोक महंगाई के अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो निर्माण उत्पादों की श्रेणी में महंगाई दर 1.94 फीसदी रही जो जनवरी में 2.99 फीसदी थी।
सब्जियों के मामले में यह -21.53% रही जो कि जनवरी महीने में -26.48 फीसदी थी। अंडा, मटन-मछली के मामले में थोक महंगाई दर 1.49 प्रतिशत रही, जनवरी महीने में यह 2.23 प्रतिशत दर्ज की गई थी। प्याज के मामले में थोक महंगाई दर घटकर -40.14 फीसदी पर पहुंच गई जो कि जनवरी महीने में -25.20 फीसदी दर्ज की गई थी। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार फरवरी महीने में थोक महंगाई दर 25 महीने के निचले स्तरों पर आ गई है। वहीं इस दौरान खाद्य महंगाई 2.95 प्रतिशत से घटकर 2.76% हो चुकी है।
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