ट्रेनों में मिलने वाली चादर सफेद क्यों होती है? हरा या लाल क्यों नहीं?

News Jungal Desk : हम अपनी जीवनकाल में हर रोज ऐसी कई चीजें देखते हैं । हर दिन ये सब चीजें देखने से हमें काॅमन लगने लगता हैं । और उनके बारे में हम ज्यादा सोचते नही हैं । लेकिन कुछ लोग इन सब बातों का बड़ा ध्यान देते हैं । और जवाब की तलाश में लग जाते हैं । आज हम आपको बताते हैं इंडियन रेलवे Indian Railway में मिलने वाली चादर सफेद ही क्यों मिलती है । आखिर ये किसी ने कभी सोचा कि ये चादर सफेद ही क्यों मिलती है । और किसी रंग में क्यों नही ।

इंडियन रेलवे एसी कोच में मिलने वाली चादर ,तकिया , कंबल, देते हैं । इसमें चादर तकिए का रंग हमेशा सफेद ही क्यों होता है । ये मिलने वाली साम्रगी कलरफुल भी हो सकती है । अगर आपको ऐसा लगता है कि ये इत्तेफाक है, तो नहीं, आप गलत हैं. इंडियन रेलवे को बहुत अच्छे से इस बात का पता है और उन्होंने इसकी वजह भी बताई है.

बल्क में होती है धुलाई
हर दिन इंडियन रेलवे की कई ट्रेनें चलाई जाती है. ऐसे में हर दिन कई हजार चादरें और तकिये के कवर का इस्तेमाल होता है. अब जब इन्हें यूज कर लिया जाता है तो इनकी धुलाई भी की जाती है । चादरों को धोने के लिए मेकेनाइज्ड लांड्री का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें बड़े-बड़े बॉयलर लगे होते हैं. इसमें स्टीम पैदा 121 डिग्री सेल्सियस पाए चादरों को धोते हैं. इस तापमान पर किसी चीज को अगर 30 मिनट रखते हैं तो ये कीटाणु मुक्त हो जाते हैं. ऐसे में सफ़ेद रंग के चादर भी इंडियन रेलवे को धोने में आसान लगते हैं ना कि रंगीन चादर.

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