विवाह से पहले क्यों मिलाई जाती है कुंडली ? जानें धार्मिक, वैज्ञानिक महत्व

हिंदू धर्म में विवाह से पहले दूल्हा और दुल्हन की कुंडली मिलाना अत्यंत आवश्यक माना जाता है. मान्यता है कि कुंडली मिलान से भावी दूल्हा-दुल्हन की अनुकूलता और उनके सुखी व समृद्ध भविष्य को जाना जा सकता है. क्यों जरूरी है कुंडली मिलाना ।

हिंदू धर्म में विवाह को जन्म जन्मांतर का साथ माना जाता है, इसलिए विवाह करने के पहले लड़का और लड़की की कुंडली मिलाकर उनके योग और गुण को मिलाने की प्रथा है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि यदि कुंडली में मौजूद गुण अच्छी तरह से मिल रहे हैं तो शादी का रिश्ता जन्म जन्मो तक चलता है. कुंडली में गुणों का मिलान इसलिए भी जरूरी माना जाता है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में विवाह के पहले कुंडली Horoscope का मिलान इसलिए भी जरूरी माना जाता है, ताकि आने वाले भविष्य में पति और पत्नी के विचारों में तालमेल बना रहे. जीवन में तालमेल के ताने-बाने से ही जीवन आगे बढ़ता है.दुल्हन की कुंडली के गुण मिलाने से यह पता चलता है कि धन संपदा अर्जित करने के लिए और संतान प्राप्ति के लिए आने वाला समय कैसा रहेगा । कुंडली और राशि मिलाने से पता लगता है कि जीवन में यदि आगे किसी प्रकार की कोई बाधाएं हैं, तो उन्हें किस तरह से दूर किया जा सकता है.ऐसा करने से आने वाले समय में वर और वधू का जीवन सुखमय व्यतीत होगा. ऐसा भी माना जाता है कि कुंडली मिलाने से जीवनसाथी की कोई स्वास्थ्य समस्या या आने वाले जीवन में किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है.

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