नवरात्रि के नवमी तिथि के दूसरे दिन दशमी तिथि को दशहरा मनाया है . दशहरा के दिन जगह -जगह रावन दहन किया जाता है . लोग आपस मिलते है । इस दिन नीलकंठ देखना माना जाता है शुभ ।
News Jungal Desk : सनातन धर्म में दशहरा पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि दशहरा तिथि पर भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। इस उपलक्ष्य पर हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा मनाया जाता है। इस मौके पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। साथ ही दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना की जाती है। इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना बेहद शुभ होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि क्यों दशहरे के दिन नीलकंठ का दर्शन करना शुभ होता है ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
धार्मिक महत्व
सनातन शास्त्रों की मानें तो त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रावण वध करने से पहले शमी के पेड़ की पूजा की थी। इस समय शमी की पत्तियों को स्पर्श किया था। साथ ही नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे। इसके पश्चात, भगवान श्री राम को रावण को परास्त करने में सहायता मिली थी। इस दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इस दिन तब से नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना बेहद शुभ होता है।
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