सोना-चांदी, हीरे-मोती पहनने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है । खास कर सुहागिन महिलाएं सोने और चांदी के बने आभूषण को अधिक पहनती हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि महिलाएं पैरों में चांदी की ही पायल क्यों पहनती हैं। सोने की पायल आखिर क्यों नहीं पहनती?
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News Jungal Desk : धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान विष्णु को सोना अति प्रिय होता है और सोने को नाभि के नीचे नहीं पहना जाता है। अगर आप अपने पैरों में सोना पहनते हैं तो धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं। इतना ही नहीं भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी को भी सोना अत्यंत प्रिय होता है.। यह भी मान्यता है की पैरों में सोना Gold पहनने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. जिससे घर परिवार में आर्थिक समस्या से जूझना पड़ता है.
सौभाग्य का प्रतीक है स्वर्ण
सनातन धर्म में कहा जाता है कि स्वर्ण में शक्ति का वास होता है। स्वर्ण सौभाग्य का प्रतीक होता है। स्वर्ण को पैरों में धारण करने से माता पार्वती और भगवान विष्णु रूष्ट हो जाते हैं. लेकिन देश में ऐसे कई जगह पर सोने के पायल लोग पैरों में नही पहनते हैं. ऐसा अनुचित है. हमारे शास्त्रों के अनुसार स्वर्ण की पूजा की जाती है. स्वर्ण की प्रतिमा बनाई जाती है ।
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