रिपोर्ट : जगदीप अवस्थी
आंखों की गंभीर बीमारी काला मोतिया (Kala Motia) यानी ग्लूकोमा (Glaucoma) बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बना रही है। आजकल ये बीमारी उम्रदराज ही नहीं, बल्कि कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है। लेकिन, फिर भी इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता कम है। ऐसे में लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता लाने के लिए हर साल 12 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा डे (World Glaucoma Day 2024) और 10-16 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा वीक मनाया जाता है।
विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर ग्लूकोमा की जागरूकता जगानेके क्रम में आज नेत्र विभाग , GSVM मेडिकल कॉलेज , इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर तथा कानपुर ऑफ़थेलमिक सोसाइटी के तत्वाधान में एक ग्लूकोमा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है । रैली को प्रिंसिपल डॉक्टर संजीव काला के निर्देशन में रवाना किया गया । जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर नंदनी रस्तोगी अध्यक्ष IMA कानपुर , डॉक्टर कुणाल सहाय सेक्रेटरी IMA कानपुर , डॉक्टर शालिनी मोहन प्रो एवं विभागाध्यक्ष नेत्र, डॉक्टर सोनिया दमेले अध्यक्ष कानपुर आफ्थेलमिक सोसाइटी, सचिव डॉक्टर पारुल सिंह सेक्रेटरी कानपुर ऑफ्थेलमिक सोसाइटी तथा रामा मेडिकल कॉलेज की प्रो एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर रुचिका अग्रवाल सम्मिलित हुई है । इस अवसर पर डॉक्टर नंदिनी रस्तोगी की ने कहा कि हम सभी को बड़ी से बड़ी संख्या में आगे बढ़ की आना चाहिए और ग्लूकोमा जो कि अंधता का एक मुख्य कारण है उसको बचाव के लिए सभी को एलर्ट करने की आवश्यकता है और इसके लिए ज़रूरी है कि नियमित जाँच ज़रूर करायें। इस अवसर पर डा शालिनी मोहन प्रोफ़ेसर ने कहा है कि इस बार का थीम Uniting for Glaucoma Free World है। इसी आशय से, राष्ट्रीय ग्लूकोमा सोसाइटी तथा राष्ट्रीय आई एम ए ने मिल कि इस बार पूरे देश में जागरूक तक जगाने का मुहिम उठाया है । डॉक्टर सोनी आदमी ने कहा कि आँखों की नसों की जाँच तथा आँखों के प्रेशर की जाँच बहुत ही आसानी से संभव है जो कि किसी भी नेत्र विशेषज्ञ की क्लीनिक में जाके कराया जा सकता है और इसके द्वारा ही ग्लूकोमा की बीमारी का पता चल सकता है। डॉक्टर कुणाल सहाय ने कहा ग्लूकोमा क्योंकि परिवारों में जीन जाता है इसलिए यदि किसी ही परिवार में ग्लूकोमा की समस्या है तो वो अवश्य ही अपनी आँखों की जाँच करायें। जिससे कि इस बीमारी को समय से पकड़कर उसका इलाज किया जा सके । आइ ॰ एम॰ ए॰ सेक्रेटरी डॉक्टर कुणाल सहाय ने कहा कि यदि आपको अन्य भी कोई बीमारी है जैसे की BP की समस्या , शुगर की समस्या , थायरॉयड की समस्या या किसी वजह से स्टीरॉयड लेते हुए , यह हो सकता है कि आपको ग्लूकोमा की समस्या हो तो जाँच अवश्य कराएं । डा॰ पारुल सिंह ने बताया इस वर्ष ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है जिससे की इसका लाभ सर्वत्र पहुंचाया जा सके और अंततः को बचाया जा सके इस अवसर पर डॉक्टर नम्रता पटेल , डॉक्टर सुरभी अग्रवाल , डॉक्टर स्नेहा रंजन, डॉक्टर कंचन किरण तथा अन्य नेत्र विभाग की छात्र एवं छात्राएँ और स्टूडेंट नारे लगाते हो गई जैसे की “ जन जन को जगाना है ग्लूकोमा भगाना है” ऐसे लोगों को जागरूक करते हुए GSVM मेडिकल कॉलेज के प्रांगड़ से मोतीझील तक जाकर उन्होंने जागरूकता जगायी।