चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष रूप से दुर्गा मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है ।
News Jungal Desk : चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है.नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा और उपासना की जाती है. मां चंद्रघंटा भय मुक्ति का वरदान देती हैं और साथ ही आपका आत्मविश्वास बढ़ाती हैं. मां की पूजा-उपासना से आपके मंगल के दोष भी दूर होते हैं.
मां चंद्रघंटा के इस स्वरूप की विशेष महिमा क्या है?
देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है. इनकी दस भुजाएं और तीन आंखें हैं. आठ हाथों में खड्ग, बाण आदि दिव्य अस्त्र-शस्त्र हैं. दोनों हाथों से ये भक्तों को आशीष देती हैं । इनका संपूर्ण शरीर दिव्य आभामय है. इनके दर्शन से भक्तों का हर तरह से कल्याण होता है। माता भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्त करती हैं । इनकी पूजा से बल और यश में बढ़ोत्तरी होती है. स्वर में दिव्य अलौकिक मधुरता आती है. देवी की घंटे-सी प्रचंड ध्वनि से भयानक राक्षसों आदि भय खाते हैं. इस दिन गाय के दूध का प्रसाद चढ़ाने का विशेष विधान है. इससे हर तरह के दुखों से मुक्ति मिलती है.
मां चंद्रघंटा पूजा मुहूर्त
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि 23 मार्च गुरुवार को शाम 06 बजकर 20 मिनट से शुरू हुई है और यह शुक्रवार यानी आज 24 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 59 मिनट तक रहेगी.तक रहेगी. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 21 मिनट से दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक रहेगा और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:52 तक रहेगा . इस दौरान आप मां चंद्रघंटा की पूजा कर सकते हैं.
मां चंद्रघंटा पूजन विधि
नवरात्रि के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद ,फिर पूजा स्थान पर गंगाजल से छिड़काव करें और मां चंद्रघंटा का शांत और सच्चे मन से आवाहन करें और इसके बाद पूजा में सबसे पहले माता को दूध, दही, घी, इत्र और शहद आदि से स्नान कराएं. फिर मां को फल, फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, चंदन, मिश्री, पान, सुपारी, लौंग, ईलायची इत्यादि अर्पित करें ।
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