जनपद में बाढ़ से फिलहाल थोड़ी राहत है। लेकिन हाल ही में बाढ़ ने यहां तबाही मचाई थी। बताया जा रहा है कि आज जिले के प्रभारी मंत्री और डीएम बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेंगे और वहाँ के लोगों से बात चीत भी करेगें।
News jungal desk: पिछले सप्ताह पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 232.25 मीटर तक पहुंच गया था। बताया गया कि यमुना में खतरे का निशान 231.5 मीटर पर है। शामली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण सहपत में यमुना तटबंध टूट गया था जिससे यमुना के बाढ़ के पानी से हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गईं थीं।
बता दें कि सोमवार को भी सुबह यमुना नदी का जलस्तर 230.75 मीटर होने के बाद शाम लगभग 4:00 बजे जलस्तर घटकर 230.65 मीटर रह गया था। वही, मंगलवार सुबह यमुना नदी के जलस्तर में और अधिक गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार सुबह आठ बजे यमुना नदी का जलस्तर घटकर 230.32 मीटर पर बह रहा है।
वहीं, हथिनी कुंड बैराज से भी मंगलवार सुबह आठ बजे यमुना नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 43 हजार 821 क्यूसेक प्रति सेकंड चल रही थी। जिसके चलते फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
प्रभारी मंत्री और डीएम करेगें लोगों से बातचीत
बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री दिनेश खटीक और D.M. रविंद्र सिंह आज लक्ष्मीपुरा और अन्य बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेंगे। किसानों द्वारा डीएम से मिलकर स्थाई समाधान और मुआवजे की मांग की बात भी कही जा रही है।
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