वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल गोवंश की संख्या 6,06,849 है. जो पिछले साल 5.76 लाख के लगभग थी. इस तरह वर्ष 2022 में करीब 30 हजार गोवंश पालन बढ़ा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार इसके लिए मुहिम भी चला रहे हैं जिसका असर अब जमीन पर भी दिखने लगा है ।
News Jungal desk : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम का असर दिखने लगा है । लोगों में गौ-माता को पालने का न सिर्फ क्रेज बढ़ा है । बल्कि लोग इससे अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं । नगर निगम के आकड़ों के मुताबिक, वाराणसी शहर में पिछले एक साल में गोवंश पालन की संख्या में 30 हजार की बढ़ोतरी हुई हैं । और यह आंकड़े बताते हैं कि धार्मिक नगरी में गोमाता को पालने का क्रेज तेजी से बढ़ता है ।
वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल गोवंश की संख्या 6,06,849 है । और जो पिछले साल 5.76 लाख के लगभग थी । और इस तरह वर्ष 2022 में करीब 30 हजार गोवंश पालन बढ़ा है ।
गो-पालक कर रहे अच्छी कमाई
गोवंश पालन बढ़ने के साथ ही इससे सीधे तौर पर पशु पालकों को आय का नया साधन मिला है । औऱ गो-पालक गाय के दूध और उससे जुड़े उत्पादों को बेच कर अच्छी कमाई कर रहे हैं । और डॉ. अजय सिंह ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार इसके लिए मुहिम भी चला रहे हैं । जिसका असर अब जमीन पर भी दिखने लगा है ।
सनातन धर्म में हैं विशेष महत्व
सनातन धर्म में वैसे भी गौमाता के पूजन का विशेष महत्व है । और पुरातन समय में हर किसी के घर में गौमाता होती थीं और लोग उनकी पूजा के साथ उनके दूध का सेवन भी करते थे । अब एक बार फिर धीरे-धीरे लोगों को घरों में गाय पालने का क्रेज बढ़ा है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि कोरोना काल के दौरान लोगों ने इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए गोमाता के दूध और उससे बना घी खूब कारगर साबित रहा था । इसको देखते हुए लोगों का रुझान गोपालन की ओर बढ़ा है ।
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